Paper-1 (General Hindi) Deputy Jailor Exam 2024 (13/07/2025)

 1 mark

| -0.44 mark |

 180 minutes

Question 1:

'अग्नि' का पर्यायवाची शब्द नहीं है

Question 2:

निम्नलिखित में से 'अर्कजा' किसका पर्यायवाची है ?

Question 3:

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द 'इच्छा' का पर्यायवाची नहीं है ?

Question 4:

निम्नलिखित में से सही विलोम शब्द नहीं है :

Question 5:

‘अनुरक्त’ का उपयुक्त विलोम है

Question 6:

निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द परस्पर पर्यायवाची नहीं हैं ?

Question 7:

'विहित' का विलोम है

Question 8:

निम्नलिखित में से किस विकल्प में 'अक्षर' का अर्थ नहीं है ?

Question 9:

निम्नलिखित में से 'सुधा' का असंगत अर्थ-समूह है :

Question 10:

निम्नलिखित में से 'चन्द्रमा' और 'कपूर' अर्थ का सूचक शब्द है :

Question 11:

निम्नलिखित में से अनेकार्थी शब्द की दृष्टि से बेमेल विकल्प है :

Question 12:

विलोम की दृष्टि से असंगत विकल्प कौन सा है ?

Question 13:

निम्नलिखित में से किस विकल्प में शब्द-युग्म का अर्थ-भेद सुमेलित नहीं है ?

Question 14:

निम्नलिखित में से किस शब्द-युग्म का अर्थ बेमेल है ?

Question 15:

निम्नलिखित में से शब्द-युग्म एवं उसके अर्थ की दृष्टि से असंगत विकल्प है :

Question 16:

निम्नलिखित में से किस वाक्यांश के लिए प्रयुक्त शब्द असंगत है ?

Question 17:

कौन सा युग्म अर्थ की दृष्टि से सही है ?

Question 18:

'वाक्यांश के लिए एक शब्द' के संबंध में असंगत विकल्प है

Question 19:

'जहाँ आकाश और पृथ्वी मिले हुए जान पड़ते हों' वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द है

Question 20:

केवल पुल्लिंग शब्दों का समूह कौन सा है ?

Question 21:

'नित्य पुल्लिंग' रूप शब्द कौन सा है ?

Question 22:

किस विकल्प में सभी शब्द स्त्रीलिंग हैं ?

Question 23:

'अनिश्चित जीविका' वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द है

Question 24:

सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होने वाला शब्द है

Question 25:

किस विकल्प के सभी शब्द सदैव एकवचन क्रिया के साथ प्रयुक्त होते हैं ?

Question 26:

'दूध से दही बनता है' वाक्य में कारक है

Question 27:

कारक की दृष्टि से असंगत है

Question 28:

'वह चली है' वाक्य में कौन सा काल है ?

Question 29:

किस वाक्य में संज्ञा बहुवचन रूप में प्रयुक्त हुई है ?

Question 30:

निम्न में से रचना के आधार पर वाक्य का प्रकार है :

Question 31:

मिश्र वाक्य नहीं है।

Question 32:

'नौकरी मिल जाती तो मेरा संकट कट जाता ।' यह वाक्य का कौन सा प्रकार है ?

Question 33:

अर्थ के आधार पर वाक्य का भेद नहीं है

Question 34:

निम्न में से कौन सा शब्द शुद्ध है?

Question 35:

वह चलता होगा वाक्य में क्रिया का काल-रूप है

Question 36:

इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द अशुद्ध है

Question 37:

निम्न में से कौन सा शब्द शुद्ध है ?

Question 38:

निम्न में से शुद्ध शब्द की पहचान कीजिए :

Question 39:

इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द शुद्ध है ?

Question 40:

निम्न में से कौन सा शब्द अशुद्ध है ?

Question 41:

इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द शुद्ध है

Question 42:

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द शुद्ध है ?

Question 43:

इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द अशुद्ध है

Question 44:

अशुद्ध वर्तनी युक्त (सभी शब्दों वाले) विकल्प का चयन कीजिए।

Question 45:

वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध शब्द है

Question 46:

इनमें से कौन सा वाक्य व्याकरणिक दृष्टि से शुद्ध है ?

Question 47:

इनमें से व्याकरणिक दृष्टि से कौन सा वाक्य शुद्ध है ?

Question 48:

निम्न में से वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध शब्द का चयन कीजिए :

Question 49:

इनमें से कौन सा वाक्य शुद्ध नहीं है ?

Question 50:

शुद्ध वाक्य है

Question 51:

किस विकल्प में विराम-चिह्नों का समुचित प्रयोग हुआ है ?

Question 52:

एक वाक्य को दूसरे वाक्य से, अथवा एक वाक्यांश को दूसरे वाक्यांश से, अथवा एक पदसमूह से अलग दिखलाने के लिए किस विरामचिह्न का प्रयोग किया जाता है ?

Question 53:

इनमें से व्याकरणिक दृष्टि से शुद्ध वाक्य की पहचान कीजिए :

Question 54:

इनमें से किस मुहावरे का निकटतम अर्थ सही नहीं है?

Question 55:

‘इधर-उधर की हाँकना’ मुहावरे का अभिप्राय है

Question 56:

निम्न में से किस मुहावरे का निकटतम अर्थ गलत है ?

Question 57:

निम्नलिखित में से किस वाक्य में सही विरामचिह्न का प्रयोग हुआ है ?

Question 58:

'नाम-धराई होना' मुहावरे का निकटतम अर्थ है

Question 59:

इनमें से किस मुहावरे का अभिप्रायगत अर्थ त्रुटिपूर्ण है ?

Question 60:

इनमें से किस लोकोक्ति का अर्थ सही नहीं है ?

Question 61:

'आँखें लाल-पीली करना' मुहावरे का सही निकटतम अर्थ किस विकल्प में है ?

Question 62:

निम्न में से किस लोकोक्ति का अर्थ सही है ?

Question 63:

'चोर चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से गया' लोकोक्ति का सही अर्थ है

Question 64:

'कुएँ की मिट्टी कुएँ में लगती है' लोकोक्ति का निकटतम अर्थ है

Question 65:

'नानी क्वाँरी मर गई, नवासे के नौ-नौ ब्याह' लोकोक्ति का उपयुक्त अर्थ है

Question 66:

'Counterfeiting' का हिंदी पारिभाषिक शब्द है

Question 67:

निम्न में से 'Compensation' शब्द का पारिभाषिक शब्द कौन सा नहीं है ?

Question 68:

निम्न में से किस लोकोक्ति का भावार्थ सही नहीं है ?

Question 69:

हिंदी पारिभाषिक रूप की दृष्टि से असंगत विकल्प का चयन कीजिए।

Question 70:

किस विकल्प में अंग्रेजी-हिंदी पारिभाषिक शब्दों का सही मेल है ?

Question 71:

'Contagious' का हिंदी पारिभाषिक शब्द है

Question 72:

निम्न में से 'Approach' का हिंदी पारिभाषिक नहीं है :

Question 73:

अंग्रेजी और उसके हिन्दी पारिभाषिक शब्द की दृष्टि से असंगत विकल्प है

Question 74:

'Conspicuous' का हिन्दी पारिभाषिक शब्द है

Question 75:

किस विकल्प में अंग्रेजी शब्द का हिंदी पारिभाषिक रूप सही लिखा हुआ है ?

Question 76:

निम्नलिखित में से किस विकल्प में अंग्रेजी पारिभाषिक शब्द का हिंदी पारिभाषिक शब्द सही नहीं है ?

Question 77:

निम्नांकित में से अंग्रेजी शब्द का असंगत हिंदी पारिभाषिक शब्द किस विकल्प में है ?

Question 78:

अंग्रेजी और उसके हिन्दी पारिभाषिक शब्द की दृष्टि से कौन सा विकल्प सही है ?

Question 79:

'Charge' का हिन्दी पारिभाषिक शब्द नहीं है

Question 80:

'Recognizance' के लिए हिंदी पारिभाषिक शब्द होगा

Question 81:

निश्चित समय के अन्दर किसी पत्र का उत्तर न प्राप्त होने की दशा में उत्तर प्राप्त करने के लिए कौन सा पत्र भेजा जाता है ?

Question 82:

'अधिसूचना' के संबंध में कौन सा कथन सही नहीं है ?

Question 83:

'Endorsement' का हिन्दी पारिभाषिक शब्द है

Question 84:

अर्द्धशासकीय पत्र के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है ?

Question 85:

निम्न में से पत्र का कौन सा प्रारूप है, जो एक साथ एकाधिक अधीनस्थ कार्यालयों, अधिकारियों, अनुभागों को प्रेषित किया जाता है ?

Question 86:

कार्यालय आदेश के संबंध में कौन सा कथन असंगत है ?

Question 87:

निम्नलिखित में से निविदा सूचना के संबंध में असंगत विकल्प छाँटिए :

Question 88:

नोट : निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (प्रश्न सं. 88 से 92)

प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है ? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा । हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं । दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है । 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है । मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके ? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं । मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो । अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है ।

 

 

88. मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा किसे बताया गया है ?

Question 89:

 

नोट : निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (प्रश्न सं. 88 से 92)

प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है ? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा । हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं । दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है । 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है । मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके ? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं । मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो । अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है ।

 

89. अधिनायकवादी व्यवस्था में लोगों में दायित्व की भावना का अभाव रहता है, क्योंकि

Question 90:

नोट : निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (प्रश्न सं. 88 से 92)

प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है ? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा । हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं । दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है । 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है । मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके ? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं । मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो । अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है ।

 

90. लेखक के अनुसार मनुष्य, ईश्वर और कलाकार में बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार की संभावना निहित है

Question 91:

नोट : निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (प्रश्न सं. 88 से 92)

प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है ? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा । हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं । दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है । 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है । मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके ? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं । मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो । अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है ।

 

91. गद्यांश के अनुसार 'सम्पूर्ण क्रांति' से तात्पर्य उस क्रांति से है

Question 92:

नोट : निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (प्रश्न सं. 88 से 92)

प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है ? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा । हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं । दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है । 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है । मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके ? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं । मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो । अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है ।

 

92. लेखक के अनुसार संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त है

Question 93:

हिन्दी शब्दकोश के अनुसार निम्नलिखित में से किस विकल्प में सभी शब्द क्रमानुसार सही रखे गए हैं ?

Question 94:

किस विकल्प में सभी शब्द हिन्दी शब्दकोश के अनुसार सही क्रम में हैं ?

Question 95:

निम्नलिखित शब्दों का हिन्दी शब्दकोश के अनुसार सही क्रम होगा :
(i) क्वार (ii) क्षत्रिय (iii) कंगन (iv) क्षोभ

Question 96:

देवनागरी लिपि के मानक स्वरूप की दृष्टि से असंगत कथन है

Question 97:

मानक देवनागरी लिपि की दृष्टि से निम्नलिखित में से कौन सा संख्यावाचक शब्द अशुद्ध है ?

Question 98:

देवनागरी लिपि के मानक स्वरूप की दृष्टि से कौन सा शब्द सही नहीं है ?

Question 99:

हिन्दी शब्दकोश में इनमें से क्रमानुसार सबसे पहले आने वाला शब्द है

Question 100:

हिन्दी स्वर-विषयक असंगत कथन है

Question 101:

'ड्' वर्ण के परिचय संबंधी कौन सा विकल्प सही है ?

Question 102:

' \( \tau \) ' वर्ण किस वर्ग के अन्तर्गत आता है ?

Question 103:

कौन सा वर्ण-परिचय गलत है ?

Question 104:

संयुक्त व्यंजन 'क्ष्' किन वर्णों से मिलकर बना है?

Question 105:

निम्न में अग्र स्वर कौन सा है ?

Question 106:

सर्वनाम से निर्मित संज्ञा शब्द है

Question 107:

निम्नलिखित में से जातिवाचक संज्ञा से निर्मित भाववाचक संज्ञा है :

Question 108:

'जो' किस प्रकार का सर्वनाम है ?

Question 109:

किस वाक्य में निजवाचक सर्वनाम का प्रयोग नहीं हुआ है ?

Question 110:

दिए गए विकल्पों में 'कोई' सर्वनाम है

Question 111:

व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग किस वाक्य में हुआ है ?

Question 112:

किस वाक्य में सार्वनामिक विशेषण नहीं है ?

Question 113:

प्रेरणार्थक क्रिया से युक्त वाक्य कौन सा है?

Question 114:

किस वाक्य में सकर्मक क्रिया रूप है ?

Question 115:

किस विकल्प में सभी शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण हैं ?

Question 116:

'लगातार, सदा, तुरंत' शब्द कौन से क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं ?

Question 117:

किस विकल्प के सभी शब्द गुणवाचक विशेषण हैं ?

Question 118:

कौन सा रेखांकित शब्द संबंधबोधक अव्यय का उदाहरण नहीं है ?

Question 119:

'धन के लिए परिश्रम करना पड़ता है' वाक्य में 'के लिए' की व्याकरणिक कोटि है

Question 120:

निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द संबंधबोधक अव्यय के उदाहरण नहीं हैं?

Question 121:

'छात्र पूरे वर्ष बीमार था, फलत: उत्तीर्ण नहीं हो सका' वाक्य में प्रयुक्त अव्यय का प्रकार है

Question 122:

समुच्चयबोधक अव्यय युक्त वाक्य है

Question 123:

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण का उदाहरण है

Question 124:

विस्मयादिबोधक अव्ययों के विषय में कौन सा विवरण गलत है ?

Question 125:

किस शब्द समूह में सभी शब्द तत्सम हैं ?

Question 126:

किस विकल्प में सभी शब्द तत्सम हैं ?

Question 127:

निम्नलिखित में कौन सा शब्द तत्सम नहीं है ?

Question 128:

निम्नांकित में से सारे तत्सम शब्दों वाला समूह है :

Question 129:

तिरस्कारवाची विस्मयादिबोधक के अन्तर्गत कौन सा शब्द आता है ?

Question 130:

'गोधूम' का तद्भव है :

Question 131:

निम्नांकित में से सारे तद्भव शब्दों वाला समूह है :

Question 132:

किस विकल्प में तद्भव शब्द है ?

Question 133:

निम्नांकित शब्दों में विदेशी शब्द है:

Question 134:

केवल विदेशी शब्दों का समूह कौन सा है ?

Question 135:

निम्नलिखित में से संधि की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण विकल्प है :

Question 136:

निम्नलिखित शब्दों में तद्भव शब्द है:

Question 137:

संधि-विच्छेद की दृष्टि से कौन सा विकल्प सही है ?

Question 138:

संधि की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुसंगत नहीं है ?

Question 139:

निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द व्यंजन संधि से निर्मित हैं?

Question 140:

किस शब्द में दो उपसर्गों का प्रयोग हुआ है ?

Question 141:

किस शब्द में 'कु' उपसर्ग नहीं है ?

Question 142:

संधि की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुसंगत नहीं है ?

Question 143:

किस शब्द में एकाधिक उपसर्गों का प्रयोग हुआ है ?

Question 144:

निम्नलिखित में से 'सु' उपसर्ग से निर्मित शब्द नहीं है :

Question 145:

निम्नलिखित में से 'री' प्रत्यय से निर्मित शब्द है:

Question 146:

निम्नलिखित में से शब्द और उसमें प्रयुक्त प्रत्यय की दृष्टि से असंगत विकल्प है:

Question 147:

किस शब्द में 'आन' प्रत्यय नहीं है ?

Question 148:

दो प्रत्यय वाला शब्द कौन सा है ?

Question 149:

निम्नलिखित में से किस शब्द में 'त्य' प्रत्यय का प्रयोग नहीं हुआ है ?

Question 150:

निम्नलिखित में से उपसर्ग रहित शब्द है: